अच्छा लगा आपका आना - फुरशत मिले तो जरूर दो चार पंक्तिया पढें....हँसते रहिये, मुश्कुराते रहिये, और जीवन को इसी खूबसूरती से जीते रहिये...आपका....प्रभात

25 April 2009

वक्त है मजबूत

वक्त है मजबूत

वक्त को पहचान

वक्त है गतिशील

उसकी गति को जान।

गर वक्त के तू साथ है

तो जमाना साथ है

तू वक्त को पहचान ले

उसकी गति को जान ले

वक्त है इक हवा

तू बाल से सको पकड़

वक्त है बलवान घोड़ा

पीठ par तू इसकी चढ़

वक्त है मजबूत

तू वक्त को पहचान


प्रभात अर्द्वाल

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