अच्छा लगा आपका आना - फुरशत मिले तो जरूर दो चार पंक्तिया पढें....हँसते रहिये, मुश्कुराते रहिये, और जीवन को इसी खूबसूरती से जीते रहिये...आपका....प्रभात

24 May 2009

गत रात

गत रात....
उस लड़की का बलात्कार हो गया
हंसती थी, खिलखिलाती थी, उसकी दुनिया
अब सब बरबाद हो गया
गत रात, उस लड़की का बलात्कार हो गया।
कई हसीं स्वपन थे, तेरते उसकी आंखों में
ऊँचा उड़ने की हसरत थी उसके इरादों में
अब सब का सब बेमानी हो गया
गत रात उस लड़की का बलात्कार हो गया।

प्रभात sardwal

2 comments:

वीनस केसरी said...

महोदय मैं जल्दी नकारात्मक टिप्पडी करता तो नहीं मगर आपको पढ़ा तो कहना पड़ रहा है

जब पहली बार ये लाइन पढी तो लगा भाव पूर्ण रचना होगी
गत रात उस लड़की का बलात्कार हो गया।


जब दुबारा पढ़ा तो बहुत बुरा लगा और तीसरी बार तो हद हो गई
ये कुछ ऐसा ही है की कोई आपके सांत्वना में कहे
मगर जब बार बार कोई यही लाइन गाता रहे तो लगता है इस दोहराव में उसे आत्मिक सुख मिल रहा है
दुखद रचना
वीनस केसरी

प्रमोद कुमार तिवारी said...

भाई प्रभातजी
आपकी रचनाएं देखीं, बस यही दुआ दूंगा कि खूब पढिए और खूब लिखिए।
शुभकामनाएं

प्रमोद कुमार तिवारी