अच्छा लगा आपका आना - फुरशत मिले तो जरूर दो चार पंक्तिया पढें....हँसते रहिये, मुश्कुराते रहिये, और जीवन को इसी खूबसूरती से जीते रहिये...आपका....प्रभात

30 May 2009

तुम हो तो

मेरा जीवन, एक सहरा
तेरे बिन
यकीन कर।
तुम हो तो मेरा जीवन है
तुम हो तो मेरा तन-मन है
तुम तो हो मेरा योवन है
तुम हो तो।

तुम हो तो जीवन मधुशाला
तुम हो तो अंग योवन हाला
तुम हो तो पल-पल मतवाला
तुम हो तो।

तुम हो तो कोई शोक नही
तुम हो तो कोई जोग नही
बस तुम और मधु मुझे चाहिए
बन जाए जीवन मधुशाला
मेरा ये जीवन मधुशाला।

मेरा जीवन एक सहरा
तेरे बिन
यकीन कर।

प्रभात sardwal

1 comment:

Anonymous said...

Huzoor, lagta hai ki aap, Bacchhan jee se insprired hain.
Achha likhte hain, keep it up
Rajesh Aggrawal