जी हाँ
माँ-बाप लड़की ढूँढ रहे हैं,
किसके लिए,
हुज़ूर, मेरे लिए।
कहते हैं, की लड़का जवान हो गया है,
और अब कमाने भी लग गया है,
मैं, ज्यादा इंटेरेस्टेड नही हूँ,
मगर..............................
चलो खा ही लेते हैं, ये शादी का लड्डू,
लोग कहते हैं, जिस-जिस ने खाया है ये लड्डू,
वो जिन्दगी भर पछताया है,
मगर जब सब पछ्ता रहे हैं,
तो फिर हम क्यूं न पछतायें,
और पूरी लज्ज़त से shaadi के इस लड्डू को खायें।
अब आप लोगों से मेरी ये गुजारिश है,
की गर आप की नजर main हो कोई खास,
वेसे आम भी चलेगी,
तो इस बन्दे को जरूर इन्फोर्म कीजियेगा,
और चूंकि आप सब तो अपनों से भी ज्यादा अपने हैं (दिल की बात है)
इसलिए आप सब, सपरिवार और समित्र आमंत्रित हैं।
प्रभात सर्द्वाल
2 comments:
Prabhat jee, na hi khayain ye shaadi ka laddoo, to hi acchha hai.
Rakesh Chakradhar
हम आपकी शादी में ज़रूर आयेंगे!
साथ में बीबी-बच्चों को भी लायेंगे!
लेकिन हमें और लड्डू ना खिलाना!
इन लड्डुओं को मुश्किल है पचाना!
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