आप अगर मेरे संग होते,
जीवन में मृदुल बसंत होते,
सपनों के इस सूखे बगीचे में,
फूल हर रंग होते,
आप अगर मेरे संग होते।
हर चाहत तेरी पूरी, दिलोjan से करते,
ख़ुद मर जाते मगर, तुझे रोशना करते,
आप अगर मेरे संग होते।
मगर जिंदगी मेरी हमेशा दुश्वार रही,
कभी कुछ न कह सके,
और तू, किसी और की हुई।
काश, अपने पास भी पेसे चंद होते,
हम भी, औरों की तरह दोलात्मंद होते,
तो शायद.............
आप, आज मेरे संग होते।
प्रभात सर्द्वाल
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