कभी-कभी इस शहरी जिंदगी में
एक छोटा सा विराम लगाना
अच्छा लगता है।
फ़ोन, टीवी, कंप्यूटर बंद करके
थोड़ी देर खुद से बातें करना
अच्छा लगता है।
अच्छा लगता है
याद करना पुराना टाइम
मम्मी का प्यार, पापा की डांट
कॉलेज के दिन
और वो सारे दोस्त।
कभी-कभी इस भाग-दोड में
कुछ देर रुक जाना
कुछ देर छुप जाना
अच्छा लगता है।
प्रभात सर्द्वाल
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