अच्छा लगा आपका आना - फुरशत मिले तो जरूर दो चार पंक्तिया पढें....हँसते रहिये, मुश्कुराते रहिये, और जीवन को इसी खूबसूरती से जीते रहिये...आपका....प्रभात

21 February 2010

अच्छा लगता है

तुम्हे देखना
तुमसे बातें करना
तुम्हारी आवाज़ सुनना
न जाने क्यूं
पर, अच्छा लगता है.

अच्छा लगता है
जब तुम वो बेवकूफी भरी हरकतें करती हो
या फिर कभी-कभार
थोडा सीरिउस होकर
काम करती हो
न जाने क्यूं
पर, तुम्हारा ऐसा करना अच्छा लगता है.

ये प्यार है, या
फिर कुछ और
में नहीं जानता
मगर हाँ, तुम्हारा ये रूठना
और फिर जल्दी से मान जाना
अच्छा लगता है.
प्रभात