अच्छा लगा आपका आना - फुरशत मिले तो जरूर दो चार पंक्तिया पढें....हँसते रहिये, मुश्कुराते रहिये, और जीवन को इसी खूबसूरती से जीते रहिये...आपका....प्रभात

13 May 2014

हरे दुप्पट्टे कि तरह

तुम लहराने लगती हो
आँखों के सामने
तुम लहराने लगती हो
आँखों के सामने
हरे दुप्पट्टे कि तरह
हरे दुपट्टे कि तरह।

तुम बाल झाड़ने जब भी
आती हो छत  हर दिन
तुम बाल झाड़ने जब भी
आती हो छत पर हर दिन
चुपके चुपके अपनी छत के दरवाजे से जानेमन



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