अच्छा लगा आपका आना - फुरशत मिले तो जरूर दो चार पंक्तिया पढें....हँसते रहिये, मुश्कुराते रहिये, और जीवन को इसी खूबसूरती से जीते रहिये...आपका....प्रभात

15 May 2014

ऐसे ही तुम कभी, आ जाओ ख्वाबों में

ऐसे ही तुम कभी
आ जाओ ख्वाबों में
आ जाओ चाहों में
आ जाओ बाँहों में
ऐसे ही तुम कभी
आ आवो ख्वाबों में।

के दिन बड़े बीत गए
देखे बिन तुझे
चाहे बिन तुझे
 छेड़े बिन तुझे
दिन बड़े बीत गए
देखे बिन तुझे।

की अब तलक याद है
वो पहली मुलाकात
तुम थी,   थी सर्द सी हवा
तुम थी, में था, और थी  हवा
आँखों में तब था डूबा
अब तलक न आया पार
की अब तलाक याद है
वो पहली मुलाकात।

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