कभी कभी
बैठ के सोचता हूँ, तुझे
कभी कभी
बैठ के सोचता हूँ, तुझे
बीते दिन
रातें वो
साथ में तुम जो थे
ना रही
वो नजर
ना रहे
रास्ते
फिर भी
न जाने क्यूँ
एक कसक सी तो है
आएगी तू कभी
एक कमी सी तो है
कभी कभी
बैठ के सोचता हूँ, तुझे
कभी कभी
बैठ के सोचता हूँ, तुझे।